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एक माह से बघोली ग्राम में खुले में रहकर काट रही थीं जिंदगी…
प्रतिनिधि।
गोंदिया। इतनी भागमभाग और व्यस्त भरी जिंदगी में किसी के पास इतना टाइम कहा कि वो किसी के बारे में सोचे। सब अपनी आपाधापी में इतने व्यस्त है कि हमारे आसपास क्या हो रहा है, कौन कैसे जिंदगी व्यतीत कर रहा है इसकी परवाह नही। पर इसी व्यस्त जिंदगी में एक शख्स ऐसा भी है जो खुद व्यस्त रहते हुए भी औरों की मदद के लिए दौड़ता है और उन्हें उस मुकाम तक भी पहुँचाने का कार्य करता है जिसकी उन्हें जरूरत है।
इस जिंदादिल व्यक्तित्व का नाम है इंजीनियर वासुदेव रामटेककर। गोंदिया जिले में गोंदिया शहर निवासी वासुदेव रामटेककर वो अकेले ऐसे इंसान है जिन्होंने अबतक 6 मानसिक रूप से पीड़ित अनजान लोगों की मदद कर पुलिस विभाग की सहायता से उनका पुनर्वास, अस्पताल का उपचार आदी करने में मदद कर इंसानियत की मिसाल कायम की है।
अभी हाल ही में इंजीनियर वासुदेव रामटेककर को उनके अंभोरा निवासी परिचित सिद्धार्थ वंजारी से खबर मिली कि गोंदिया तहसील के ग्राम बघोली में एक अज्ञात मानसिक पीड़ित महिला पिछले एक माह से खुले में जीवन व्यतीत कर रही है। ये जानकारी मिलते ही श्री रामटेककर का हृदय पुनः मदद के लिए व्याकुल हो गया। उन्होंने महिला होने से अपनी जेसीआई टीम की पूर्व अध्यक्षा एड. किर्ती आहूजा व भूमी वतवानी की मदद ली। इन दोनों की सहमति मिलते ही वे गोंदिया से 15 किमी दूर ग्राम बघोली पहुँचे जहा अज्ञात महिला रह रही थी।
वहां पहुँचने पर उन्होंने महिला से भेंट ली। बातचीत करने पर महिला जवाब देने की दिशा में असमर्थ रही। बातचीत के दौरान ये बात स्पष्ट थी कि वो मानसिक रुप से पीड़ित है। उसकी उम्र लगभग 20 वर्ष होगी तथा ग्रामीणों के अनुसार उसकी भाषा उड़ीसा या बंगाल राज्य के निवासी होने का प्रतीत करती हैं। उक्त मानसिक पीड़ित महिला के यहां ट्रैन से पहुँचने की संभावना व्यक्त की गई।
इंजीनियर वासुदेव रामटेककर ने महिला की स्थिति देख उसकी मदद व उपचार हेतु मानस बना लिया। उसी दौरान रावनवाड़ी पुलिस थाने से संपर्क कर पुलिस निरीक्षक अभिजीत भुजबल से भेंट कर विस्तृत जानकारी दी व थाने में इसकी सूचना दर्ज कराई।
श्री रामटेककर के मामले की थाना निरीक्षक श्री भुजबल ने त्वरित दखल लेते हुए शासकीय वाहन द्वारा उसे केटीएस जिला अस्पताल लाया गया। अस्पताल में उसकी मानसिक जांच कर उस अनजान महिला को नागपुर के प्रादेशिक मानसिक रुग्णालय उपचार व पुनर्वसन हेतु पुलिस वाहन से दो पुलिस कर्मी फनेन्द्र बिंजवार, महिला पुलिस कर्मी मोनिका डोंगरे के संरक्षण में रवाना कर बड़ी जिम्मेदारी का निर्वहन किया गया।
उनकी इस जिंदादिली से आज एक मानसिक रुप से पीड़ित अनजान महिला को बेहतर उपचार मिल पाया वही उसके पुनर्वसन की व्यवस्था भी हो पाई। उनके इस कार्य व रावनवाड़ी थाना पुलिस के इस नेकदिली कार्य की पूरे जिले में प्रशंसा हो रही है।
इस इंसानियत भरे कार्य के दौरान सहयोगियों में श्री रामटेककर ने पीआई अभिजीत भुजबळ, महिला पोलिस योगिता हजारे, पूजारिटोला-बघोली वासी दानेश्वर गौतम, सिद्धार्थ वंजारी, केटीएस के डॉ लोकेश चिरवतकर, डॉ स्नेहा शर्मा का आभार माना।